(1) हमारे विचार से नया संसार और नया इंसान बनाने की बेहद जरूरत है क्योकि आज के समय में लोग इसानियत और भाईचारा भूल चुके है इसे फिर से शुरू करने के लिए लोगो के व्यवहार में परिवर्तन के लिए उनके अंदर नई उमंग अथार्त नए संसार के निर्माण की आवश्यकता है I
(2) रोज –रोज त्यौहार मनाने से कवि का तात्पर्य यह है कि वह संसार में चारो और खुशयाली और त्योहार जेसा माहोल देखना चाहता है यदि ऐसा है तो रोज-रोज त्योहार मनाना उचित है I
(3) ऊपर लिखी बाते पूर्णतया सच हो सकती है यदि हम समाज में भाईचारा और प्रेम का माहोल बना दे इसके लिए करना कुछ नही है सिर्फ अपने अंदर के अहंकार को मारना है और लोगो के सुख – दुःख को आपस में मिलकर बाटना है I
(4) कवि हम धरती के लाल इसलिए कहना चाहते है क्योकि बच्चे जो मन में ठान ले उसे करके ही मानते है यदि बच्चो के प्रण से ऐसा हो हो जाए तो संसार स्वर्ग बन जाए I
(1) कल कल करते झरने
(2) तारिन तनूजा तट तमाल तरुवर बहुछाए
(3) दहक दहक दमकती आग
(1) हमे अपना संसार में ये बाते नजर नही आती है क्योकि आज का आदमी केवल अपने बारे में ही सोचता है वह केवल अपना ही भला चाहता है इसलिए यहाँ किसी की मेहनत को नही उसकी पहचान को पूजा जाता है इसी कारण सब दुखी है I
(2) में अपने संसार के बारे में ऐसी कल्पना करता हू जहां कोई किसी का दुश्मन न हो सभी एक दूसरे के बारे में सोचे एक –दूसरे का कल्याण समझे सभी मिलकर रहे I
(1) में समय को उसका महत्त्व बताते हुए उसे ऐसी राह दिखाउगा जहां लोगो का समय खराब न हो और वे सभी समय के साथ कधे से कंधा मिलाकर चल सके I
(2) में जनता को एक करने के लिए उन्हें आपसी भाईचारे के बारे में बताउगा लड़ाई –झगड़े की बुराइया बताते हुए उन्हें एक करुगा I
(3) में लोगो के अंदर से अंधविश्वास को खत्म करते हुए तारो की चाल बदल दूँगा उन्हें रुढियो बाहर निकालूँगा
(4) में समाज से बुराई मिटाकर उसका नक्शा बदल दूंगा I
(5) में इंसान के अंदर से बैर भावना का मेल निकलकर उन्हें साफ़ – सुधरा इंसान बना दूंगा I
(क) संसार, इंसान, दुनिया, इतिहास, विश्व, राष्ट्र
(ख)
क |
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च |
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