निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए-
(क) ‘अपनी आँखों से जगह देखकर, अपने हाथ से चुने हुए मिट्टी के डगलों पर भरोसा करना क्यों बुरा है और लाखों करोड़ों कोस दूर बैठे बड़े-बड़े मट्टी और आग के ढेलों-मंगल, शनिश्चर और बृहस्पति की कल्पित चाल के कल्पित हिसाब का भरोसा करना क्यों अच्छा है।’
(ख) ‘आज का कबूतर अच्छा है कल के मोर से, आज का पैसा अच्छा है कल की मोहर से। आँखों देखा ढेला अच्छा ही होना चाहिए लाखों कोस के तेज पिंड से।’
(क) इन पक्तियों पर लेखक भारतीय संस्कृति में विधमान आड़बरो पर चोट करता था उसके अनुसार हम अपने द्वारा चुने गए मिट्टी के डगलो पर भरोसा करने को बुरा मानते थे यह कार्य तो हमने स्वय किया था यदि यह बात बुरी थी I
भाव यह था कि जिन ग्रह नक्षत्रो को हमने देखा ही नही था उनकी चाल के अनुसार अपने जीवन का निर्धारण करना सबसे बड़ी मुर्खता थी I
(ख) यह बात वात्स्यायन ने कही है उनके अनुसार जो वस्तु हमारे पास इस समय विधमान थी हमे उसे ही सही कहना था हमारे द्वारा आने वाले कल में या बीते कल में विधमान वस्तु को सही कहना मुर्खता थी कल मोहरे सोने की है या चाँदी है कि वह बात हमारे लिए महत्वपूर्ण नही थी I
NCERT questions are designed to test your understanding of the concepts and theories discussed in the chapter. Here are some tips to help you answer NCERT questions effectively:
Welcome to the NCERT Solutions for Class 12 Hindi - Antra - Chapter . This page offers a step-by-step solution to the specific question from ढेले चुन लो, Question 6: nimnalikhit ka ashay spasht kijiye - निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए- (क) ‘....
Comments