devWHERE cd.courseId=2 AND cd.subId=33 AND chapterSlug='dev' and status=1SELECT ex_no,page_number,question,question_no,id,chapter,solution FROM question_mgmt as q WHERE courseId='2' AND subId='33' AND chapterId='1145' AND ex_no!=0 AND status=1 ORDER BY ex_no,CAST(question_no AS UNSIGNED)
At Saralstudy, we are providing you with the solution of Class 11 Hindi - Antra Dev according to the latest NCERT (CBSE) Book guidelines prepared by expert teachers. Here we are trying to give you a detailed answer to the questions of the entire topic of this chapter so that you can get more marks in your examinations by preparing the answers based on this lesson. We are trying our best to give you detailed answers to all the questions of all the topics of Class 11 Hindi - Antra Dev so that you can prepare for the exam according to your own pace and your speed.
हँसी की चोट सवैये ने कवि ने वायु , जल , अग्नि , आकाश और पृथ्वी आदि पांच तत्वों का वर्णन किया था कृष्ण वियोग में गोपियों से ये सभी तत्व विदा हो जाते थे जब गोपिया कृष्ण के दूर हो जाने के कारण रोटी थी तो आसुओ के द्वारा उनका जल तत्व विदा हो जाते थे जब गोपिया कृष्ण के दूर हो जाने के कारण रोटी थी तो आसुओ के द्वारा उनका जल तत्व दूर हो जाता था जब वे तेज़ गति से साँस लेती थी तो उनका वायु तत्व विदा हो जाता था I
अपने अध्यापक से सलाह करके उत्तर दे I
नायिका शो रही होती थी तभी वह एक सपना देखती थी की आकाश में बादलो से हल्की हल्की बूदे गिर रही थी वहां पर अचानक कृष्ण आते थे और उससे झूला झूलने के लिए कहते थे नायिका कृष्ण को देखकर आनद विभोर हो जाती थी वह मन ही मन बहुत खुश होती थी उसकी प्रसन्नता चरम पर होती थी I
सपना कवित में नायिका का कृष्ण से मिल्न पर उत्पन्न भावो का वर्णन किया था कृष्ण से मिलने की आशा में कवित्त में वियोग से योग का भाव स्पष्ट किया था कवि ने नायिका की कृष्ण से मिलने की व्याकुलता और उससे मिलना की खुश का अद्भुत वर्णन किया था I
दरबार सवैये में राजा के दरबार का वर्णन किया गया था कवि कहता था की राजा के दरबार में सभी दरबारी मोन बैठे हुए थे केवल भोग विलास ही उस दरबार की पहचान बन गई थी वहा का राजा अंधा और दरबारी मों बने हुए थे I
दरबार में राजा और उसके दरबारी केवल सुंदर और भोग विलास की चीजों को ही एहमियत देते थे उनके लिए कला का कोई महत्त्व नही था उन्हें कला की पहचान करना भी नही आता था उनके लिए चुटकुले ही कला है जिससे आनद मिलता था I
अपने अध्यापक से सलाह करके उत्तर दे I
देव ने दरबारी चाटूकारिता और द्ब्पूर्ण वातावरण पर व्यग्य करते हुए कहा था की दरबार में सभी अपनी इच्छा के मालिक बन हुए थे हर समय वे सभी भोग विलास में डूबे हुए थे रजा भी केवल नाममात्र ही थे वह भी उनके तरह ही थे सभी पर उनका अहंकार अधिक प्रभावी हो गया था I
1. जा दिन ते मुख फेरी , हरे हँसी , हेरी हियो जु लियो में ह की आवर्ती बार बार हुई थी इसमें अनुप्रास का प्रयोग किया गया था I
2. झहरी – झहरी गहरी – गहरी आदि में पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार था I
3. झहरी – झहरी झीनी झीनी बूंद थे परतो मानो में उपमा अलंकार का प्रयोग किया था I