usakee-maaWHERE cd.courseId=2 AND cd.subId=33 AND chapterSlug='usakee-maa' and status=1SELECT ex_no,page_number,question,question_no,id,chapter,solution FROM question_mgmt as q WHERE courseId='2' AND subId='33' AND chapterId='1141' AND ex_no!=0 AND status=1 ORDER BY ex_no,CAST(question_no AS UNSIGNED)
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हमने पाठ का अध्यन किया था यदि पाठ के आधार पर कहा जाए तो लाल का व्यवहार क्रांतिकारी प्रवर्ती का है लाल के जीवन का मुख्य उद्देश्य केवल अपने देश को आजाद करवाना है तथा लाल हमेशा इसके लिए प्रयत्नशील रहते है लाल के बढ़ते क्रांतिकारी प्रयत्नों के कारण अग्रेजी सरकार ने उन्हें देशद्रोही घोषित कर दिया था I
कहानी में जानकी के चरित्र को कुछ अलग तरीके से दर्शाया गया है जानकी किसी भी प्रकार के शासन तत्र का हिस्सा नही था जानकी केवल अपनी संतान से प्रेम और अपनी संतान का चितन करने वाली माँ थी सामाजिक तोर पर कहा जाता था एक माँ को शासन से किसी प्रकार का सम्बन्ध नही होता था उस केवल अपनी संतान से ही सबसे अधिक प्रेम होता था I
लेखक ने कहानी में चाचा के चरित्र को एक आम आदमी के रूप में दर्शाया था तथा चाचा को देष में हो रही घटनाओं ने किसी प्रकार का लेना देना नही था उन्हें इस बात से कोई फर्क नही पड़ता था कि देष आजाद रहते थे यह गुलाम उन्हें केवल खुद से तथा अपने परिवार से ही सम्बन्ध था चाचा लाल और जानकी के पड़ोसी थे इसलिए उन्हें उनसे सहानुभूति था पर उन्हें डर भी थे चाचा नहि चाहते कि जानकी और लाल किसी भी प्रकार के सरकारी लगदो में पड़े थे I
कहानी के आधार पर कहा जाए तो हमारे अनुसार लाल सही था क्योकि वह उन युवाओं का प्रतिनिधित्व करते थे जिनमे देशप्रेम की भावना थी तथा अपने देश के लिए कुछ आजादी दिलाने में अपना पूरा योगदान दे रहे थे परंतु वह अपनी माँ जानकी के प्रति बिल्कुल भी जिम्मेदार नही था देश के प्रति ऐसी भावना रखना गलत नही था परन्तु देश को आजादी दिलवाने में कितने लोगो ने अपनी जानको खोया था I
लडको को हमेशा से जानकी के रूप में भारत माता दिखाई देती है इसलिए लडके जानकी को भारत माता कहकर पुकारते है जानकी बूढी हो चुकी थी तथा उसके बाल भी सफेद हो गए थे I
1. कहानी में जानकी को सादी महिला के रूप में प्रदर्शित किया था जिससे समाज से कोई लेना देना नही था उसके लिए उसके बच्चे ही सब कुछ था I
2. जानकी ममता से पूर्ण था जितना प्रेम उसे उसके पुत्र से था उतना उसके मित्रो से भी था I
3. जानकी अपने पुत्र और उसके मित्रो के लिए भोजन बनती थी जिसमे उसकी सारी पूंजी खर्च हो जाती थी इस आधार पर कहा जाता था जानकी खुश मिजाज और तायागमई थी I
उस समय के परिस्थतियो से समाज भी बेहाल है और सभी लोग भी डरते है क्रांतिकारियों का साथ देकर या उनकी मदद करके मुसीबत को आमन्त्रित करने के समान है शासन प्रणाली को जिस पर सदेह होता था वह उसे पकड़ लेती है अग्रेजो का मानना है कि उनके विरोध में उठती आवाज को बंद करना ही उनके लिए बेहतर थे I
1. किताब पर नाम देख कर चाचा को अपनी लाचारी और डर का एहसास हुआ था I
2. लाल का नाम देख कर उन्हें पीड़ा हुई थी क्योकि लाल ने खुद को देश को समर्पित किया था और उसकी मा असहाय है और लेखक उनकी मदद भी नही कर पा रहे है I
3. उनकी आखो के सामने अग्रेजी सरकार का चेहरा याद आया जिसने चाचा को डरा दिया था I
भारत माता की छवि ठीक उसी प्रकार था जिस तरह की छवि देवी के लिए हमारे मन में था बच्चा जब भी आंखे खोलता था अपने आप को मा कि गोद में ही पता था और फिर उससे ही निहारता रहता था इसी प्रकार जब से हम पैदा हुए थे तभी से भारत माँ की छवि मा से अधिक था कम नही था समय के संतान अपनी मा की इज्जत करना भूल रहे थे तो वह भारत मा की कहा से करते थे I
स्त्री को कोई भी रूप हो वह खुद कहती थी अपनी बेटी बचाओ बेटी का अध्यन करो बेटी नही तो सर्जन नही दुनिया नही था जानकी माँ एक ऐसी मा थी जो बच्चो की मृत्यु तक रक्षा करती थी वह अपने बेटे के साथ साथ उसके दोस्तों को भी प्यार करती थी उके लिए खाना बनाती थी I