चपा यद्यपि पढ़ी लिखी नहीं थी फिर भी उसके मन में भविष्य के प्रति आशका उत्पन्न हो जाति थी आर्थिक तंगी के कारण ग्रामीण श्रेत्रों से नगरो की और काम धधे की तलाश में बड़ी मात्रा में लोगो का पलायन होता था और वे वहा शोषक व्यवस्था के शिकार बनते थे I
चपा कवि से कहती थी कि गाँधी जी अच्छे थे फिर वे पढने लिखने की बात क्यों करते थे क्योकि पढ लिख लेने से लोगो को जीविकोपार्जन के लिए अपना घर छोड़ना होता था इस कारण वह विश्वासनहीं कर पाती थी कि गाँधी बाबा जेसे अच्छे मनुष्य ने पढने लिखने जेसी बुरी बात कही होगी थी I
कवि ने चपा की निम्न विशेषताओं का वर्णन किया गया था
1. चपा एक ग्रामीण बाला था उसका स्वभाव नटखट चंचल और शरारती था कभी कभी वह शरारतवंश खूब उधम करते थे I
2. चपा अबोध बालिका थी वह पढाई लिखाई का महत्व नहीं समझती थी I
3. चपा में परिवार के साथ मिलकर रहने की भावना थी वह परिवार को तोडना नहीं चाहते थे I
मेरे अनुसार चपा के मन में यह भाव छिपा था कि पढ लिखकर लोग धन कमाने के लिए अपने परिवार से दूर चले जाते थे जिसके परिणाम स्वरूप घर टूट जाते थे और परिवार को विछोह की वेदना को शन करना पड़ता था I