(क) ये सवाद सेकेटेरियेट के लाँन में लगे जामुन के पेड़ के गिरने के सदर्भ में आए थे सेकेटेरियेट के लाँन में लगा पेड़ आधी के कारण रात में गिरा पड़ा और उसके नीचे एक आदमी दब गया था I
(ख) हमें लोगो की सवेदंनशुन्य थी मानसिकता का पता चलता था जामुन के पेड़ के पास खड़ी भीड़ को उसके नीचे दबे व्यक्ति से कोई सहानुभूति नहीं थी उलटे वे उस पेड़ के लगे जामुनो को याद कर शोक प्रकट होता था I
जब पेड़ के निचे व्यक्ति को माली ने उसके केस के सबध में उम्मीद जगाई थी कि कल उसका केस सेक्रेटेरियेट के सारे सेक्रेटरियो की मीटिंग में रखा जाता है उस समय दबे हुए आदमी के मुह से एक शेर निकलता था जिससे माली जनता था I
कृषि विभाग वालो ने मामले को हाटीकल्चर विभाग को सोपने के पीछे यह तर्क था कि कृषि विभाग को अनाज और खेती बाड़ी से जुड़े मामलो पर निर्णय देने का अधिकार था I
इस पाठ में सरकार के निम्न विभागों की चर्चा की गई थी – व्यापार विभाग , कृषि विभाग , मेडिकल विभाग, कल्चर विभाग , विदेश विभाग I पाठ से उनके कार्यो के बारे में यही अदाजा लगाया जाता है कि हर एक विभाग का कार्य गेर जिम्मेदाराना है I
पहला प्रसग – पहली बार सेक्रेटेरियेट विभाग के माली और कुछ क्लर्क दबे आदमी को निकालने के लिए तैयार थे पर उन्हें ऐसा करने से सुपरिटेंडेंट यह कहकर रोक देता था I
दूसरा प्रसग – दूसरी बार फारेस्ट विभाग के लोग उस पेड़ को काटने के लिए पहुचते थे परंतु उन्हें यह कहकर रोक दिया जाता था कि वह पेड़ पिटोनिया राज्य के प्रधानमत्री ने लगाया है
यह कहना बिल्कुल युक्ति सगत था कि इस कहानी में हास्य के साथ साथ करुणा की भी अतधारा थी कहानी की शुरुवात और अत भी करुणाजनक थी वास्तव में सारे विभाग क्लर्क अधिकारियो के हास्य के साथ करुणा और भी गहराती थी I
यदि में माली की जगह होता टो कभी भी हुकूमत के फेसले का इतजार न था में अपनी और से सेक्रेटेरियेट विभाग के लोगो को इकट्ठा करता था उन्हें प्रेरित कर पेड़ हटवाना था यदि वे सरकारी दर से आगे आने के लिए तैयार न होते थे उन्हें संमझाना था पेड़ काटना अपराध माना जाता है I