रजनी ने अमित के मुर्दे को गभीरता से लिया था क्योकि वह अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाने की सामथ्य रखती है
शिक्षा निर्देशक रजनी द्वारा की गई टूशन रेकेट की शिकायत को सहजता से लेते हुए उसे कहते थे कि जब किसी का बच्चा कमजोर होता था उसके माँ बाप टयूशन लगवाते थे अगर लगे कि कोई टीचर लूट रहा था I यह कोई मज़बूरी तो है नहीं इस प्रकार वे अपनी जिम्मेदारियों से भागकर शिक्षको की गलत नीति को बढ़ावा दे रहे थे I
(क) यह बात रजनी के पति रवि ने पेरेट्स मीटिंग के दोरान कही रजनी ने भाषण देते वक्त प्राइवेट स्कूल के टीचर्स की समस्याओं का जिक्र किया था रजनी इस अन्याय का पर्दाफाश करने के लिए उन्हें आदोलन चलाने की सलाह देती थी I
(ख) इससे उसकी सामाजिक दायित्वो के प्रति उदासीनता प्रकट देती थी I
(क) अमित का पर्चा सचमुच खराब होता तो ट्यूशन के रेकेट का पर्दाफाश न होता I
(ख) सपादक रजनी का साथ न देता तो रजनी की आवाज ज्यादा लोगो तक न पहुचती और शिक्षक अपने स्कूल के छत्र का ट्यूशन नहीं लेगा यह नियम को मान्यता प्राप्त नहीं होती है I
मेरी द्रष्टि में गुनहगार दोनों थे जबरदस्ती करके ट्यूशन देनेवाला आध्यापक भी और इसे बढावा देने वाले विद्यर्थियो तथा उनके माता पिता भी थे I
स्त्री के चरित्र की बनी बनाई धारणा के अनुसार स्त्री सहनशील कोमल और शक्तिहीन होती थी वह सघषो से दूर रहती थी इससे विपरीत रजनी एक सघर्षशील जुझारू महिला थी I
यदि मीटिंग द्रश्य को फिल्माया जाए तो हम निम्लिखित निर्देश देगे –
- मीटिंग के अनुरूप तैयार किया हुआ स्टेज तथा बैनर I
- लोगो का जोश में आना था I - रजनी की प्रॉपर डायलॉग्स डिलीवरी आदि थे I
पटकथा में द्रश्य सख्या का उललेख नहीं थे परंतु द्रश्य अलग अलग दिए गए थे हम सभी द्र्श्यो को स्थान के आधार पर अलग अलग करते थे I