कवि ने मेहनत की लूट पुलिस की मार गदारी – लोभ को इनके सीमित प्रभाव के कारण सबसे खतरनाक नहीं माना था क्योकि ये कुछ परिस्थितियाँ थी जो कभी कभी होती थी और इनसे उभरा जा सकता था I
सबसे खतरनाक शब्द के बार बार दोहराए जाने से कविता का क्र्थ्य प्रभाशाली ढंग से हमारे सामने उभर करता था कविता में पाठको की रूचि और जिज्ञासा बनी होती थी I
तो के प्रयोग से खतरनाक शब्द की तुलनात्मक का ज्ञान होता था बुरा है मेस्प्ष्ट रूप से आरोप लगता था यह अपने आप में पूर्ण वाक्य होता था इसमें सुधार की कोई गुजाइश नहीं रहती थी बुरा तो है यह कहकर हम बात आगे बढ़ाते थे पाठक के मन में जिज्ञासा उत्पन करते थे उसे और अधिक जानने के लिए बाध्य करते थे तो शब्द यह बताता था कि अभी भी चरम सीमा तक नहीं पहुच थी है I
हमारे सपनो का मर जाना उस की और इशारा करता था जब हम अपने भविष्य के सुनहरे सपने बुनना बंद कर देते थे और यथास्थति को स्वीकार करते थे जब हम निष्क्रिय होकर बेजान की तरह चुपचाप शाति से अन्याय आत्याचार को सहन करते थे I
पक्तियों में घड़ी शब्द जीवन की गति से सबध था जिस प्रकार घडी चलती रहती थी ठीक उसी प्रकार जीवन भी प्रगतिशील होना था वह समय सबसे खतरनाक होता था जो आगे बढ़ने के स्थान पर एक बिंदु पर आकर रुक जाता था I
चाँद सोदर्य का प्रतीक माना जाता था परंतु किसी भी ह्त्याकाड़ के बाद कोई भी सोदर्य का रसास्वादन नहीं करना चाहता अर्थत कवि के कहने का तात्पर्य यहा यह था कि आमतोर पर हत्याकाड के लिए जिम्मेदार व्यक्ति हमारी आँखों में चुभना चाहिए था I