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Welcome to the Chapter 14 - Kachcha Chittha, Class 12 Hindi - Antra NCERT Solutions page. Here, we provide detailed question answers for Chapter 14 - Kachcha Chittha. The page is designed to help students gain a thorough understanding of the concepts related to natural resources, their classification, and sustainable development.
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पसोवा में जैन धर्म के तीर्थस्थल विधमान है उसकी प्रसिद्ध में इन तीर्थस्थलोका मुख्य हाथ है यहाँ हर वर्ष जैन समुदाय का एक बहुत बड़ा मेला लगता है जैन श्रदालु हजारो की सख्या में यहाँ आते है प्राचीन समय से ही इस मेले का महत्त्व रहता था इसके अतिरिक्त यहाँ एक पहाड़ी थी I
(क) डॉ पन्नलाल , आई .सी. एस.
(ख) डॉ ताराचंद
(ग) पंडित जवाहर लाल नेहरु
(घ) मास्टर साठे और मूता (ड) रायबहादुर कामता प्रसाद
(च) सुयोग्य दीवान लाल भार्गवेद्र सिंह
(छ) स्वामिभक्त अर्दली जगदेव डॉक्टर सतीशचन्द्र काला को अपने सग्रहालय का अभिभावक बनाकर लेखक निश्रित हो गया था I
में कही जाता था छूछे हाथ नही लोटता था इस पक्तियों का तात्पर्य था कि लेखक जहां भी कही जाता था वह खाली हाथ नही आता था अपने साथ वहां से जुडी कोई न कोई पुरातत्व महत्व की वस्तु लेकर ही आता था लेखक को गाँव से मनके , पुराने सिक्के इत्यादि मिलते थे I
यह वाक्य लेखक ने उस सदर्भ में कहा है जब उसे पेड़ के निच्चे पत्थरों के ढेर में शिव की २० सेर की प्राचीन मूर्ति दिखाई है पसोवा गाँव से उसे अधिक पुरातत्व महत्त्व की वस्तु नही मिली है गाँव से बाहर निकलते हुए उसने देखा कि एक पेड़ के सहारे शिव 20 सेर कि मूर्ति रखी थी उसे देखकर वह प्रसन्न हो उठा था बिल्ली व्रत करती थी ताकि वह पाप मुक्त हो जाती लेकिन जेसे ही चूहा आता था वो भूल जाती थी कि उसने पापनाशक व्रत रखा था I
इसका तात्पर्य था कि यदि दोष हमारी वस्तु में था हमे परखने वाले को दोष नही देना था जो उस वस्तु में होता था परखने वाले को किसी भी प्रकार से दोषी नही ठहराया जा सकता था लेखक पुरातत्व महत्व की वस्तु को देखते ही अपने साथ ले जाता है उसकी इस आदत से सभी परिचित है कही भी मूर्ति गायब हो जाती है लोग लेखक का नाम लेते है I
गाँववालो को जब पता लगा की शिव की प्राचीन मूर्ति चोरी हो गई थी वे दुखी हो गए थे शिव की मूर्ति उनके गाँव के बाहर एक पेड़ के सहारे रखी हुई है गाँववाले उसकी पूजा करते है उनकी आस्था श्रद्धापूर्ण रूप से शिव पर ही है जब लेखक उनके गाँव के पास से गुजरा था उसने पुरानी मूर्ति जानकार उसे अपने साथ ले गया है मूर्ति न पाकर गाँव वाले दुखी हो गये है उन्होंने तय किया जब तक मूर्ति नही आ जाती व कुछ खाएगे पीयेगे नही उपवास करना आरभ कर दिया था I
एक बार कोशबी के गाँवों में घूमते हुए लेखक को खेत की मेड में बोधिसत्व की आठ फुट लबी मूर्ति दिखाई पड़ी थी मूर्ति की विशेषता ही कि वह सुंदर है मथुरा के लाल पत्थरों से बनी है तथा ख्दित नही है उसे देखते ही लेखक ने तय किया था वह इसे अपने साथ ले जाता है वह एक वृद्धा है और बहुत लालची है वह समझ गया बुढिया लालची है I
लेखक के इस कथन का तात्पर्य था कि लोग ईमान की बात करते थे वह कभी न कभी बेईमान हो जाते थे लेखक ईमान जेसी चीज़ से ही स्वय को मुक्त कर लेता था वह कहता था कि उसके पास इस तरह की कोई चीज़ नही है लेखक कि यह बात उस कथन से स्पष्ट होती थी जब उसने बोधिसत्व की मूर्ति को पाने के लिए बुढिया को 2 रूपय दिए है आगे चलकर उसे उस मूर्ति के 10 हजार मिल रहे है उसने बिना सोचे समझे मना कर दिया था I
(क) बोधिसत्व की जितनी भी मुर्तिया पहले मिली है उनसे यह सबसे पुरानी है I
(ख) यह कुषाण सम्राट कनिष्क के समय है I
(ग) कुषाण सम्राट कनिष्क के राज्यकाल के दूसरे साल में वहा स्थापित की गई है I
(घ) सबसे बड़ी बात कि यह अब भी पूर्ण है कही से भी खड़ीत नही है I (ड) उस मूर्ति के पेरो लके स्थान के पास से निम्नलिखित जानकारी प्राप्त हुई है I
लेखक ने भद्रमथ शिलालेख को पच्चीस रूपए में खरीदा है वह उसे इस मूर्ति को गवर्नमेट आफ इडिया के पुरातत्व विभाग को देना पडा है इससे लेखक को खासा नुकसान उठाना पडा था अब वह इसकी श्रतिपूर्ति है वह जानता है कि जिस गाँव से उसे यह शिलालेख मिल सकता था उसे वहां से अन्य पुरातत्व महत्व की वस्तु मिल जाती थी I
(क) इक्के को अपने साथ ले जाने के लिए उससे पैसे की बात कर ली है I
(ख) मार्ग में बहुत तरह की परेशानी आती थी लेकिन पहले वाली परेशानी से अब की परेशानी अधिक सही है I
(ग) मेरे सिर पर चदन का तिलक वेसे का वैसा है I (घ) स्वय को अति विशिष्ट मानना था I
(क) रजत पुलिस को देखकर गबरा गया किसी ने सही कहा था कि चोर की दाढ़ी में तिनका होता था जिसने गलत किया होता था वह अपनी जुर्म भावना से ही घबरा जाता था I
(ख) हमे किसी का अपमान नही करना था ना जाने केहि भेष में नारायण मिल जाता था सबका सम्मान करना था क्योकि हम नही जानते वह कब भगवान के समान हमारी रक्षा करता था I
(ग) नत्थू का सामान किसी ने उड़ा लिया किसने चोर के घर छिछोरे पेठा किया था चोर के घर चोरी करने की हिम्मत करना था I
(घ) रतन का घर ऐसा है जेसे म्याऊ का ठोर था बिल्ली के छिपने का स्थान था I
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