1. ओस की बूदो को कमलो पर गिरने द्रश्य का चित्रण किया गया था I
2. हिमालय में विधमान झीलों पर हंसो के तेरने के द्रश्य का चित्रण किया गया था I
3. वसंत ऋतु के सुंदर सुबह के द्रश्य का चित्रण किया गया था I
प्रणय – कहल से कवि का तात्पर्य प्रेम रुपी झगड़ो से थे इस झगड़े में कडवाहट की जगह केवल प्रेम था यह केवल दो प्यार करने वाले जोड़ो के बीच में प्यार की लड़ाई थी कवि चकवा चकवी के बीच इस प्रेम विवाद को दिखाते थे I
कस्तूरी अपने पूरे जीवन में केवल कस्तूरी गंध की खोज में रहता था उसे इस बात का ज्ञान नही था की कस्तूरी उसकी नाभि में था जब वह उसे खोजते खोजते थक जाता था तो वह चिढने लगता था वह अपनी असमर्थता की वजह से परेशान हो जाता था I
कालिदास एक ऐसे कवि थे जिन्होंने बादल को अपने रचना मेघदूत में एक दूत के रूप में दर्शाया है धनपति कुबेर के द्वारा एक यक्ष को भगा दिया गया है उस यक्ष ने मेघ को अपना दूत बनाकर अपने अपने प्रिय को सदेश भेजा था कालिदास ने जिन स्थानों का वर्णन किया है उन्हें खोजने के लिए कवि ने बहुत प्रयास किया था I
पर्वतीय इलाको में कैलाश के शिखर पर कवि में बादलों के एक समूह को तूफानों से लड़ते देखा था बहुत बार बादलो के समूह तेज़ हवाओ के साथ टकराते थे जिस वजह में आसमान में बहुत भयकर गर्जना होने लगती थी उन्हें देखकर प्रतीत होता था की वे लड़ते थे इसलिए कवि ने कहा था कि महामेघ को झ्झानिल से गरज गरज भिड़ते देखा था I
इस पक्ति का प्रयोग कवि ने टेक के रूप में किया था इसलिए इस पक्ति का उपयोग हर अंतरा के बाद किया जाता था कविता इस तरह से कविता प्रभावशाली हो जाती थी और उसका मूलभाव स्पष्ट हो जाता था इसके प्रयोग के कारण काव्य सोदर्य में भी आश्र्यजनक बदलाव देखने को मिलता था I
इसका उत्तर आप अध्यापक से सलाह करके स्वय दे I