जसदेव की पिटाई के बाद भट्टी पर शाम होने के बाद सन्नाटा पसरा रहता है दिन में भी शांति का ही माहोल बना रहता है सभी को दर लगा रहता है की वह आकर फिर से किसी को मार न देता I
स्किल इंडिया’ जैसे कार्यक्रम होने से सुकिया और मानो का जीवन बहुत उत्तम होता| वह मेहनती इंसान है उनमें कई क्षमताएँ और प्रतिभाएँ है। वे ऐसा जीवन नहीं जीते जिनमें उनकी इज्जत न हो, सम्मान न हो।वे इस चीज के मोहताज नहीं होते कि मानो का शोषण और सुखिया के साथ भेदभाव हो।
मानो शहरी जीवन की आदि है सुकिया की खराब हालत के कारण मानो को भी गाँव में आकर रहना पड़ता था मानो ने कबी जंगलो का सामना नही किया है शाम होते ही जानवरों की आवाजे और अँधेरा उनकी परेशानियों को और बढ़ा देता था जिससे यह जाहिर होता था की वह अभी भी इस जिंदगी में तालमेल नही बेठा पाई थी I
सूबे सिंह अहंकारी अल्हड और स्त्रियों की इज्जत न करने वाला व्यक्ति है असगर के साथ जसदेव को आता देख वह इसलिए बिफर पडा क्योकि सूबे सिंह ने मानो को अपने दप्तर में बुलाया है लेकिन उसकी जगह जसदेव आया था इससे उसके स्वाभिमान को ठेस पहुची थी I
मानो और जसदेव के धर्म और जाति दोनों ही अलग है जसदेव ब्रह्मण है और समाज की कुरीतिया सब पर हावी है इसलिए जसदेव भी खाना खाने में हिचक रहा है और उसने बहाना बना दिया था कि उसे भूख नही थी I
यह कथन उसकी दुखभरी जिंदगी की कहानी बयान करती थी वह एक जगह से दूसरी जगह जाने से बहुत तंग आ गई है वह अपने जीवन के बारे में ही सोचती रहती है अक्सर वह अपने भविष्य के बारे में सोचती है उसे हर तरफ निराशा ही निराशा दिखती है I
मानो जब से भट्टे पर काम करने आई है तब से उसका सपना है कि वह पक्की ईटो का घर बनाए थे इसके लिए वह सुकिया से कहती थी कि हम दिन रात मेहनत करते थे लेकिन सूबे सिंह उनके ऊपर बहुत जुल्म करने लगा है जो बर्दाश्त होने लायक नही है
मानो और सुखिया दोनों का लक्ष्य ईटो का घर बनाना है लेकिन कोई भी उसका घर बनते नही देखना चाहते थे पहले सूबे सिंह उस पर अत्याचार करता था और उसके सपनों को तोड़ देता था समाज में अक्सर मजदूरों को अमीर लोगो का शिकार होना पड़ता है उसके बाद जसदेव उसकी ईटो को तोड़ देता था I
1. स्त्रियों का सम्मान न करना उनका शोषण करना था I
2. मजदूरो को इज्जत न देना मुशी का फरमान अदा करना था I
3. गाँव में जानवरों का डर उसे डराया करता था I
वह मेहनती इंसान थे उनमे कई श्रमताए और प्रतिभाए थी वे ऐसा जीवन नही जीते जिनमे उनकी इज्जत न था वे ऐसा जीवन नही जीते जिनमे उनकी इज्जत न थी सम्मान न थी वे इस चीज़ के मोहताज नही होते थे कि मानो का शोषण और सुखिया के साथ भेदभाव थे I