सूरदास - Sooradaas Question Answers: NCERT Class 11 Hindi - Antra

Exercise 1
Q:
A:

खोलने में को कोको गुसेया पद में कृष्ण और सुदामा के बीच हार जीत की बात पर तकरार हुई थी सुदामा खेलते समय हमेशा जीत जाते थे जबकि कृष्ण हारने की वजह से रूठ कर चले जाते थे कृष्ण की यह हरकत देखकर सभी दोस्त कृष्ण से गुस्सा हो जाते थे


Q:
A:

खेलते व्यक्त जो साथी रूठ जाता था उससे अन्य साथी भी परेशान होते थे क्योकि एक खेल में सभी बच्चो की भागीदारी समान रूप से होती थी हार्ट था उनको दूसरो को खेलने देना पड़ता था परन्तु जो बच्चे हार्ट था उनको दूसरो को खेलने देना पड़ता था परन्तु जो बच्चे अपने हारने पर क्रोधित हो जाते थे और अन्य बच्चो को खेलना पंसद नही करता था I


Q:
A:

1. कृष्ण के साथियों ने उमसे कहा था कि खेल में हारने पर गुस्सा होना बुरी बात थी I
2. हम सभी एक समान था खेल में कोई भी किसी से छोटा नही था I
3. आपका हम पर क्रोधित होना सही नही था क्योकि हम आपके मित्र था न कि आपके माता पिता थे I
4. हम आपके साथ नही खेलते थे यदि आप ऐसे ही रुष्ट होते रहते थे I


Q:
A:

कृष्ण अपने पिता नंद से कहते थे कि अब से वह खेल में सभी को बराबर खेलने का मोका देगे और वह सभी को परास्त करते थे कृष्ण ने नंद बाबा की दुहाई देकर दाँव इसलिए दिया था क्योकि वह चाहते है कि सभी लोग उन पर विश्वास करता था I


Q:
A:

इन पदों में बाल मनोविज्ञान को बहुत अच्छे से बताया गया था इन पदों में बताया गया था कि बच्चे समझदार होते थे तथा उन्हें शी गलत का ज्ञान होता था उन्हें ये भी पता होता था कि कोन छोटा था और कोन बड़ा था उन्हें इस बात का ज्ञान था की खेल में सभी बराबर होते थे अत: कृष्ण अपने पिता के नाम पर मनमानी नही कर सकते थे I


Q:
A:

 प्रस्तुत पक्तियों के माध्यम से गोपियाँ कृष्ण पर व्यग्य करती थी इन पक्तियों का मतलब था कि कृष्ण जब बासुरी बजाते थे तो अपनी गर्दन झुका लेते थे मानो जेसे प्रेम में खो गए थे इसलिए गोपियों को उनकी बांसुरी को कोई कन्या समझती थी और उसपे गुस्सा करती थी वह कृष्ण पर व्यग्य करते हुए कहती थी कि कृष्ण को अपनी बासुरी को अपने होठो से स्पर्श नही करना था I


Q:
A:

कृष्ण के अधरों की तुलना सेज से इसलिए की गई थी क्योकि कृष्ण के अधर और सेज की कोमलता बिल्कुल एक जेंसी थे जिस प्रकार सेज पर मनुष्य निद्रा करता था ठीक उसी प्रकार कृष्ण के अधरों का काम बांसुरी की निद्रा थे I


Q:
A:

1. सूरदास के पदों में वात्सल्य रस की बहुता था I
2. सूरदास के पर्दों में कृष्ण के बाल्य काल की बहुत सी लीलाए थी I
3. सूरदास के पदों में बाल मनोविज्ञान भी थी तथा इसमें बच्चो के स्वभाव के बारे में भी बताया गया था I
4. सूरदास के पदों में स्त्रियो का भी उल्लेख था I
5. सूरदास के पदों में श्रृंगार रस की भी प्रधानता थी I