(1) वर्षा होने पर धरती की प्यास बुझेगी और किसान की फसल को भी पानी मिलेगा जिससे उसकी खेती लहलहा उठेगी इसलिए किसान को बादलो का इतजार रहता है I
(2) किसान बेसर्बी से अपनी सूखी फसल के लिए भगवान से प्रार्थना करता है और उसकी प्रार्थना से प्रसन्न होकर भगवान बारिष करते है इसलिए कवि को वर्षा होने पर किसान की याद आती है
(3) जिस प्रकार चातक पक्षी अपनी अंतिम साँस तक स्वाति नश्रत में होने वाली बारिष की प्रतीक्षा करता है और बारिष होने पर ऐसा लगता है मानो उसकी तपस्या पूरी हो गई हो ऐसा ही किसान को भी लगता है इसलिए कवि ने किसान की तुलना चातक पक्षी से की है I
(1) वर्षा ऋतु के बाद शरद ऋतु आती है इसके आते ही लोगो के शरीर गर्म कपड़ो से ढकने लगते है और ठंड के साथ दिन पर दिन ये बढ़ते ही जाते है I
(2) वर्षा ऋतु से पहले लोग अपने घर में मरम्पमत टूट फूट सही करवाते है जिससे की बारिष में उनका घर न टपके ओर इससे बचने के लिए छाता और बरसाती भी तैयार कर लेते है I
अपने अध्यापक से सलाह करके करे I
(1) अगर वर्षा बिलकुल न हो तो सारी धरती सूख जायेगी सारी फसल नष्ट हो जाएगी लोग त्राहि त्राहि करने लगेगे I
(2) अगर वर्षा बहुत अधिक हो तो धरती पर चारो और जल ही जल हो जाएगा सारा जीवन अस्त व्यस्त हो जाएगा I
(3) अगर वर्षा बहुत ही कम हो तो धरती सूखा पड जाएगा लोगो को खाने के लिए पर्याप्त अनाज नही मिल सकेगा पक्षी और जानवर प्यासे मरने लगेगे I
(4) आँधी तूफ़ान के साथ वर्षा होने से धरती पर का सारा जीवन अस्त व्यस्त हो जाएगा जान माल का काफी नुकसान होगा I
(5) वर्षा हो और स्कूल की छुटी हो तो कुछ बच्चे मोज मनाएगे और कुछ बच्चे दुखी होगे कि एक साथ छुट्टी कम हो गई I
उठना – उठाना – उठवाना
पढना – पढ़ाना – पढवाना करना – कराना – करवाना
फहरना – फहराना – फहरवाना
सुनना – सुनाना – सुनवाना