(1) कविता में सूरज धूप बिखेर देती है मुन्ना दूध की कटोरी उलट देता है हवा धूल बिखेर देती है माँ दाल चावल के दाने बिखेर देती है पापा जूते बिखेर देता है I
(2) महरी फ़र्श पर झाड़ू पोछा लगाती है वह पूरे घर को साफ़ करती है उसके द्वारा फर्श पर पोछा लगाते समय कुछ लाइने छुट जाती है जिन्हें देख कर कवि कल्पना करता है मानो महरी फर्श पर कविता लिख रही हो I
(1) कविता में मुन्ना एक छोटा सा बच्चा है वह बाल सुलभ शरारते करता है हम भी अगर उसकी जगह होगे तो हम भी वैसे ही व्यहवार करेगे I
(2) मम्मी चावल साफ़ कर रही है मगर उससे चावल तो साफ़ हो रह है लेकिन उससे फर्श गन्दा हो रहा है मगर महरी फर्श को साफ़ करके उस गंदगी को भी साफ़ कर रही है दोनों ही अपने अपने तरीके से सफाई कर रहे है I
(3) कविता में सभी कुछ न कुछ कार्य कर रहे है मगर उनके कार्यो से घर फेल रहा है लेकिन महरी उन सभी की गंदगी को साफ़ करके घर को साफ़ कर रही है इसलिए महरी का काम सबसे ज्यादा पसंद है I
(4) बच्चे अपने अनुसार अपने द्वारा घर की सफाई के लिए किए गए कर्मो की सूची बनाकर कक्षा में प्रस्तुत करेगे