(1) बच्चो ने मिल जुलकर फालतू पड़े एक छोटे से सार्वजनिक मैदान में दूब व फूल पोधे लगाए और वही एक मंच भी बना लिया I
(2) जब नाटक बिगड़ने लगा तब राकेश ने बात सभाल ली इसलिए पर्दे की आड़ में खड़े अन्य सभी साथी मन ही मन राकेश की तुरत बूदि की प्रशसा कर रहे है दर्शक सब शांत थे भोचक्के थे वे सोच रहे थे यज क्या हो गया I
(3) कोई भी नाटक बिना तैयारी के पूरा नही हो सकता उसके लिए पूरी तैयारी करनी पडती है दर्शको का सामना करना पड़ता है ऐसे में कलाकार घबरा भी जाते है उनकी इसी घबराहट और झिझक को दूर करने के लिए रिहर्सल की जरूरत पडती है I
व्यक्तियों या वस्तुओ के नाम काम
कलाकर , मंच अभिनय
चित्रकार , ब्रश , पेट चित्रकारी
संगीत , वायलिन स्वर
राकेश डायरेक्टर
मोहल्ले वाले दर्शक
अपने अध्यापक से सलाह करके दे I
अपने अध्यापक से सलाह करके दे I
(1) राकेश ने नाटक के लिए बहुत मेहनत की थी लेकिन कलाकारों के ठीक से अभिनय न करने से उससे गुस्सा आ रहा था और रोना इसलिए आ रहा था क्योकि उसकी अभी तक की सारी मेहनत बेकार होती दिख रही थी I
(2) राकेश नाटक का निर्देशक था और उसको मंच पर नही आना था लेकिन कलाकारों के खराब अभिनय के कारण उसे मंच पर आना पडा जिसे देखकर सभी कलाकार चुप हो गए I
(3) सब दर्शक राकेश को मंच पर देखकर भोचक्के रह गए थे I
(4) राकेश ने कलाकारों के मनोबल को बढ़ाने और अंदर के डर को निकालने के लिए ऐसा कहा होगा I
(1) जब संगीत की स्वर लहरी गूँजती है तो पशु पक्षी तक मुंह की खा जाते है गाजर साहब आप क्या समझते है हमे I
(2) कहानी में शायद के बदले गाजर कहने से शायर साहब को कोध आ गया हम भी किसी शब्द के बदले यदि कोई अन्य शब्द बोल दे तो अर्थ का अनर्थ हो जाएगा I
(1) शायर साहब बोले , उधर जाकर सुन ले न I
(2) सभी लोग हँसने लगे I
(3) तुम नाटक में कोन शा पार्ट कर रहे हो I
(4) मोहन बोला अरे क्या हुआ तुम तो अपना सवाद भूल गए I