1. जब तक शरीर में ताकत रही थी कोई सुख ऐसा नही बचा जिसे न भोगा था दूर दूर तक उड़ाने भरी थी आकाश की असीम ऊचाइयो को अपने पंखो से नाप आया था I
2. आह काश में सिर्फ एक बार आकाश में उड़ पाता था I
3. पर वह समय दूर नही थी जब तुम्हारे खून की एक एक बूंद जिन्दगी के अँधेरे में प्रकाश फेलाएगी और साहसी , बहादुर दिलो में स्वत्रता और प्रकाश के लिए प्रेम पैदा करती थी I
अध्यापक से सलाह करके दे I
अध्यापक से सलाह करके दे I
मानव ने आदिकाल से ही पक्षियों की तरह उड़ने की इच्छा मन में रखी थी किन्तु शाररिक असमर्थता की वजह से उड़ नही पा रहा है जिसका परिणाम यह हुआ था कि मनुष्य हवाईजहाज का आविष्कार कर दिखाया था I
घायल होने के बाद भी बाज ने यह कहा कि – मुझे कोई शिकायत नही थी उसे ऐसा इसलिए कहा क्योकि वह किसी भी कीमत पर समझोतावादी जीवन शेली पसंद नही करता है वह अपने अधिकारों के लिए लड़ने में विश्वास रखता है उसने अपनी जिंदगी को भरपूर भोगा था
बाज जिंदगी भर आकाश में उड़ता रहता था उसने आकाश की असीम ऊचाईयो अपने पखो से नापा बाज साहसी है वह किसी भी कीमत पर समझोतावादी जीवन शेली पसंद नही करता है
साँप उड़ने उड़ने की इच्छा मूर्खतापूर्ण मानता है क्योकि वह मानता है कि वह उड़ने में सक्षम नही था पर जब उसने बाज के मन में आकाश में उड़ने के लिए तडप देखी तब साँप के मन में भी उत्सुकता जागी थी कि आकाश का मुक्त जीवन केसा होता था इस रहस्य का पता लगाना ही था I
बाज की बहादुरी पर प्रसन्न होकर लहरों ने गी गँवा दिए गया है उसने अपने प्राण गँवा दिए थे परन्तु जिन्दगी के खतरे का सामना करने से पीछे नही हटा था I
साँप का शत्रु बाज था चूँकि वो उसका आहार होता था घायल बाज उसे किसी प्रकार का आघात नही पहुचा सकता है इसलिए घायल बाज को देखकर साँप के लिए खुश होना स्वाभाविक है I