कवि ने अपने आने को उल्लास इसलिए कहता था क्योकि जहां भी वह जाता था मस्ती का आलम लेकर जाता था वहां लोगो के मन प्रसन्न हो जाते थे पर जब वह उस स्थान को छोड़ कर आगे जाता था तब उसे तथा वहा के लोगो को दुःख होता था I
यहाँ भिखमंगो की दुनिया से कवि का आशय था कि यह दुनिया केवल लेना जानते थे देना नही था कवि ने भी इस दुनिया को प्यार दिया पर इसके बदले में उसे वह प्यार नही मिला जिसकी वह आशा करता था कवि निराश था वह समझता था की प्यार खुशियाँ लोगो के जीवन में भरने में असफल रहता था I
कविता में कवि का जीवन के प्रति द्रष्टिकोण अच्छा लगा था कवि कहते थे कि हम सबके सुख दुःख एक था तथा हमे एक साथ ही इन सुखो और दुखों को भोगना पड़ता था हमे दोनों परिस्थतियो का सामना समान भाव से करना था ऐसी द्रष्टिकोण रखनेवाला व्यक्ति ही सुखी रह सकता था I