लेखक जंजीरों द्वारा रुढ़िवादी प्रथाओं की और इशारा कर रहा था I
......उन जंजीरों को तोड़ने का जिनमे वे जकड़े हुए थे कोई न कोई तरीका लोग निकाल ही लेते थे.... लेखक ने इस कथन से हम सहमत थे क्योकि मनुष्य स्वभावानुसार अधिक समय तक बंधनों में नही रह सकते थे समाज द्वारा बनाई गई रूढिया अपनी सीमाओं को लाघने लगे थे तो समाज में इसके विरुद्ध एक क्रांति अवश्य जन्म लेती थी जो इन रुढियो के बंधनों को तोड़ डालती थी I
1. महिलाए अपनी स्वाधीनता व आजादी के प्रति जागृत हुई थी I
2. समय और श्रम की बचत हुई थी I
3. स्वय के लिए आत्मसम्मान की भावना पैदा हुई थी I
शुरुआत में पुरुषो ने इस आंदोलन का विरोध किया था क्योकि उन्हें डर है इससे नारी समाज में जागृत आ जाती थी आर . साइकिल्स के मालिक गाँव के एकमात्र लेडीज साइकिल डीलर है I
फातिमा ने जब आदोलन की शुरुआत की तो उसको बड़ी कठिनाइयो का सामना करना पडा था उसे लोगो की फर्बित्या सुनानी पड़ी थी फातिमा मुस्लिम परिवार से है जो हुत ही रुढ़िवादी है उन्होंने उत्साह को तोड़ने का प्रयास किया था I
तमिलनाडु के रुढ़िवादी गाँव में महिलाओं का पुरुषो के विरुद्ध खड़े होकर साइकिल को अपनी जागृति के लिए चुनना बहुत बड़ा कदम है पहिए को गतिशीलता का प्रतीक माना जाता था और इस साइकिल आदोलन से महिलाओं का जीवन गतिशील हो गया था I
साइकिल करेगी महिलाओं को आत्मनिर्भर भी इस पाठ के लिए उपयुक्त नाम हो सकता है चुकि साइकिVल आंदोलन से महिलाए अपनी स्वाधीनता व आजादी के प्रति जागृत हुई थी कृषि उत्पादों को समिपर्वती गाँवों को बेचकर उनकी आर्थिक जगह सुधरी व आत्मनिर्भर हो गई थी I
अपने अध्यापक से सलाह करके उत्तर दे I