क्या निराश हुआ जाए - Kya Niraash Hua Jae Question Answers: NCERT Class 8 Hindi - Vasant

Exercise 1
Q:
A:

लेखक ने अपने व्यक्तिगत अनुभवों का वर्णन करते हुए कहा था कि उसने धोखा भी खाया था परंतु बहुत कम स्थलों पर विश्वसघात नाम की चीज़ मिलती थी पर उसका मानना था कि अगर वो इन धोखो को याद रखता तो उसके लिए विश्वास करना बेहद कष्टकारी होता और एसी घटनाएँ भी बहुत कम नही थी I


Q:
A:

दोषों का पर्दापाश करना तब बुरा रूप ले सकता था जब हम किसी के आचरण के गलत पक्ष को उदघाटित कर के उस में रस लेते थे या जब हमारे ऐसा करने से वे लोग उग्र रूप धारण कर किसी को हानि पहुचा सकता था I


Q:
A:

इस प्रकार के पर्दा फाश से समाज में बुराईयों से अपने आस पास के वातावरण तथा लोगो से अवगत हो जाते थे और इसके कारण समाज में जागरूकता भी आती थी साथ ही समाज समय रहते ही सचेत और सावधान हो जाता था


Exercise 2
Q:
A:

1. सच्चाई केवल भीरु और बेबस लोगो के हिस्से पड़ी है – तानाशाही बढ़ेगी
2. झूठ और फरेब का रोजगार करनेवाले फल – फूल रहे है – भ्रष्टाचार बढ़ेगा
3. हर आदमी दोषी अधिक दिख रहा है गुणी कम – अविश्वास बढ़ेगा


Exercise 3
Q:
A:

लेखक ने इस लेख का शीर्षक क्या निराश हुआ जाए उचित रखा था आजकल हम अराजकता की जो घटनाएँ अपने आसपास घटते देखते रहते थे जिससे हमारे मन में निराशा भर जाती थी लेकिन लेखक हमे उस समय समाज के मानवीय गुणों से भरे लोगो को और उनके कार्यो को याद करने कहा था जिससे हम निराश न थे इसका अन्य शीर्षक हम निराशा से आशा भी रख सकते थे I


Q:
A:

आदर्शो की बाते करना तो आसान था पर उन पर चलना बहुत कठिन था – में इस कथन से सहमत था क्योकि व्यक्ति जब आदर्शो की राह पर चलता था तब उसे कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ता था असमाजिक तत्वों का अकेले सामना करना पड़ता था I