bade-bhai-sahabWHERE cd.courseId=9 AND cd.subId=45 AND chapterSlug='bade-bhai-sahab' and status=1SELECT ex_no,page_number,question,question_no,id,chapter,solution FROM question_mgmt as q WHERE courseId='9' AND subId='45' AND chapterId='1190' AND ex_no!=0 AND status=1 ORDER BY ex_no,CAST(question_no AS UNSIGNED) CBSE Class 10 Free NCERT Book Solution for Hindi - Sparsh

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Chapter 10 : Bade Bhai Sahab


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Exercise 1 ( Page No. : 63 )
Q:
A:

1. छोटे भाई ने टाइम टेबिल बनाते यह सोचा कि वह मन लगाकर पढाई करता था और अपने बड़े भाई सहाब को शिकायत को कोई मोका न देगा परन्तु उसके स्वच्छद स्वभाव के कारण वह अपने टाइम टेबिल का पालन नही कर पाता था I

2. एक दिन गुल्ली डडा खेलने के बाद छोटे भाई का सामना बड़े भाई से हो जाता था उसे देखते ही बड़े भाई साहब उसे समझने लगते थे कि एक बार कक्षा में अव्वल आने का तात्पर्य यह नही कि वह अपने पर घमंड करने लगे थे क्योकि घमंड तो रावण जेसे शक्तिशाली को भी ले डूबा था इसलिए उसे इसी तरह समय बर्बाद करना था I

3. बड़े भाई होने के नाते वे अपने छोटे भाई के सामने आदर्श प्रस्तुत करना चाहते है उन्हें अपने नैतिक कर्तव्य का ज्ञान है वे अपने किसी कार्यो द्वारा अपने छोटे भाई के सामने गलत उदाहरण रखना नही चाहते है I

4. बड़े भाई साहब छोटे भाई साहब को हमेशा पढाई के लिए परिक्षम की सलाह देते है उनके अनुसार एक बार कक्षा में अव्वल आने का तात्पर्य यह नही था कि हर बार वह ही अव्वल आता है उसे घमंड और जल्दबाजी करते हुए उसे अपनी नीव मजबूत करनी चाहिये और ध्यान देना तह I

5. बड़े भाई के नरम व्यवहार का छोटे भाई ने गलत फायदा उठाना शुरु कर दिया था छोटे भाई की स्वच्छदता बढ़ गई थी अब वह पढने लिखने की अपेक्षा सारा ध्यान खेल कूद में लगाने लगा था I


Exercise 1 ( Page No. : 63 )
Q:
A:

1. मेरे अनुसार बड़े भाई की डांट फटकार का ही अप्रत्यक्ष परिणाम है कि छोटा भाई कक्षा में अव्वल आया था क्योकि छोटे भाई के उस पर अंकुश रखने के कारण वह दो घंटा पढाई करते है I

2. में लेखक के शिक्षा पर किए व्यग पर पूरी तरह सहमत था पाठ में बच्चो की व्यवाहरिक शिक्षा को पूरी तरह नज़र अदाज किया था जो कि सर्वाधिक अनुचित था परीक्षा प्रणाली में आकड़ो को महत्त्व दिया गया था I 

3. बड़े भाई के अनुसार जीवन की समझ ज्ञान के साथ अनुभव और व्यावहारिकता से आती थी पुस्तकीय ज्ञान को अनुभव में उत्तारने पर ही हम सही जीवन जी सकते थे हमारे बड़े बुजुर्गो ने भले कोई किताबी ज्ञान नही प्राप्त नही किया है I

4. छोटे भाई के मन में बड़े भाई साहब के लिए श्रध्दा उत्पन्न हुई थी जब उसे पता चला उसके बड़े भाई साहब उसे सही राह दिखाने के लिए अपनी कितनी ही इच्छाओ का दमन करते है I

5. – बड़े भाई साहब परिक्षमी विद्यार्थी है एक ही कक्षा में तीन बार फेल हो जाने के बाद भी पढाई से उन्होंने अपना नाता नही तोडा था I- वे गभीर सयमी किस्म का व्यक्तित्व रखते है अथार्त हर समय अपने छोटे भाई के सामने आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करने के लिए खेल कूद से दूर और अध्ययनशील बने रहते थे I

6. बड़े भाई साहब जिंदगी के अनुभव को किताबी ज्ञान से अधिक महत्त्वपूर्ण समझते है उनके अनुसार किताबी ज्ञान तो कोई भी प्राप्त होता था कि हमने कितने जीवन मूल्यों को समझा था अत हमारा अनुभव विशाल होगा उतना ही हमारा जीवन सुन्दर और सरल होता I

7. 1. फिर भी में भसी साहब का अदब करता हू और उनकी नजर बचाकर कनकोए उड़ता है मंझा देना कन्ने बांधना पतंग टूनामेंट की तैयारियाँ आदि सब गुप्त रूप से हल हो जाता था I
2. में तुमसे पाँच साल बड़ा था और हमेशा रहूँगा मुझे जिंदगी का जो तजुर्बा था तुम उसकी बराबरी नही कर सकते थे I
3. सयोग से उसी वक्त कटा हुआ था उसकी डोर लटक रही है लडको का गोल पीछे पीछे दोडा चला आता है I भाई साहब लंबे थे I