giragitWHERE cd.courseId=9 AND cd.subId=45 AND chapterSlug='giragit' and status=1SELECT ex_no,page_number,question,question_no,id,chapter,solution FROM question_mgmt as q WHERE courseId='9' AND subId='45' AND chapterId='1194' AND ex_no!=0 AND status=1 ORDER BY ex_no,CAST(question_no AS UNSIGNED) CBSE Class 10 Free NCERT Book Solution for Hindi - Sparsh

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Chapter 14 : Giragit


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Exercise 1 ( Page No. : 105 )
Q:
A:

ख्यूक्रिन ने मुआवजा पाने के लिए यह दलील दी थी कामकाजी तथा काम पेचीदा होने के कारण यदि उसकी उँगली ठीक नही होती है तो उसके काम का हरजाना होता था इसलिए उसे कुत्त्ते के मालिक से मुआवजा मिलना चाहिए था I


Exercise 1 ( Page No. : 105 )
Q:
A:

ख्यूक्रिन ने ओचुमेलाव को उँगली ऊपर उठाने का कारण बताया था कि वह तो चुपचाप अपना काम करता है तभी अचानक से इस कुत्त्ते ने आकर उसकी उँगली काट ली है I


Exercise 1 ( Page No. : 105 )
Q:
A:

येल्दीरीन ने ख्यूक्रिन को दोषी ठहराते हुए कहा कि ख्यूक्रिन हमेशा कोई न कोई शरारत करता रहता था इसने जलती हुई सिगरेट से कुत्त्ते की नाक जला देता था इसलिए कुत्त्ते ने इसे काट दिया था क्योकी बिना कारण तो कुत्त्ता काटता नही था I


Exercise 1 ( Page No. : 105 )
Q:
A:

वास्तव में ओचुमेलाव एक चापलूस किस्म का व्यक्ति है इसके जरिए वह जनरल साहब की नज़र से ऊपर उठना चाहता है और एक बेहतर इंस्पेक्टर साबित होना चाहता है I


Exercise 1 ( Page No. : 105 )
Q:
A:

ख्यूक्रिन कहा तो अब अपनी उँगली के लिए हरजाना माँगने की बात कर रहा है परन्तु यहाँ तो ओचुमेलाव ने जनरल को खुश करने के लिए उल्टे उस पर ही दोष मढ़ दिया था I


Exercise 2 ( Page No. : 106 )
Q:
A:

ओचुमेलाव को जब पता चलता था कि कुत्त्ता जनरल साहब के भाई का था वह उन्हें खुश करने के
लिए ख्यूक्रिन पर ही सारा दोष मढ़ जाता था I


Exercise 2 ( Page No. : 106 )
Q:
A:

ओचुमेलाव एक दोहरे व्यक्तित्व चापलूस शातिर और मोक  परस्त चरित्र का व्यक्ति था वह एक
कर्तव्यहीन इसान था अपने फायदे के लिए वह एक आम इंसान को उचित न्याय दिलवाना नही चाहता था I


Exercise 2 ( Page No. : 106 )
Q:
A:

ओचुमेलाव पहले जिस कुत्त्ते के भधा मरियल और आवारा कुत्त्ता कहता था परन्तु जेसे ही उसे पता चलता था कि वह कुत्त्ता जनरल साहब के भाई का था उसी कुत्त्ते को वह सुन्दर डॉगी कहकर सबोधित करने लगता था I


Exercise 2 ( Page No. : 106 )
Q:
A:

ख्यूक्रिन का यह कथन था कि मेरा भाई भी पुलिस में था समाज कटू सच्चाई की और सकेंत करता था आज भी हमारा समाज में ऊँचे पद का रोब भाई भतीजावाद पक्षपात रिश्वतखोरी विद्यमान थी I


Exercise 2 ( Page No. : 106 )
Q:
A:

इस कहानी का शीर्षक गिरगिट इसलिए रखा गया था क्योकि जिस प्रकार गिरगिट समयनुसार अपना रंग बदलने में माहिर होता था ठीक उसी प्रकार ओचुमेलाव भी मोके के अनुसार अपना रंग बदल देता था I


Exercise 2 ( Page No. : 106 )
Q:
A:

गिरगिट कहानी के माध्यम से समाज की भष्टाचार , चापलूसी और अवसरवादिता आदि विसंगतियों पर व्यग्य किया जाता था आज भी हमारा समाज में उपर्युक्त सभी विसंगति या देखने को मिलती थी कमजोर लोगो का न्याय प्राप्त नही होता था I