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Welcome to the Chapter 6 - Madhur – Madhur Mere Deepak Jal, Class 10 Hindi - Sparsh NCERT Solutions page. Here, we provide detailed question answers for Chapter 6 - Madhur – Madhur Mere Deepak Jal. The page is designed to help students gain a thorough understanding of the concepts related to natural resources, their classification, and sustainable development.
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1. प्रस्तुत कविता में दीपक आस्था का और प्रियतम कवयित्री के आराध्य देव का प्रतीक था I
2. महादेवी वर्मा ने दीपक से हर अच्छी बुरी परिस्थति में वह निरतर जलते रहने का आग्रह किया था वह आग्रह इसलिए करती थी क्योकि वे अपने जीवन में ईश्वर का स्थान सबसे बड़ा मानती थी ईश्वर को पाना ही उनका लक्ष्य था I
3. विश्व शलभ अर्थात जिस प्रकार पतगा दीये के प्रति प्रेम के कारण उसकी लो में जलकर अपना जीवन समाप्त कर देता था इसी प्रकार संसार के लोग भी अपने अहकार मोह लोभ तथा विषय विकारों को समाप्त करते थे I
4. इस कविता की सुदरता दोनों प्र निर्भर थी पुनरुक्ति रूप में सबध का प्रयोग था मधुर मधुर युग युग सिहर सिहर आदि कविता को लयबद्ध बनाते थे प्रभावी बनाने में सक्षम थी दूसरी और बिब योजना भी सफल थी I
5. कवियित्री अपने मन के आस्था रुपी दीपक से अपने परमात्मा रुपी प्रियतम का पथ आलोकित करना चाहती थी I
6. कवियित्री को आकाश के तारे स्नेनहींन नजर आते थे क्योकि इनमे भाव नही था यह यत्रवत होकर अपना कर्तव्य निभाते थे प्रेम और परोपकार की भावना समाप्त हो गई थी I
7. जिस प्रकार पतगा दीये की लो में अपना सब कुछ समाप्त करना चाहता था पर कर नही पाता उसी तरह मनुष्य भी परमात्मा रुपी लो में जलकर अपना अस्तित्व विलीन करना चाहता था I
8. कवयित्री अपने आत्मदीपक को तरह तरह से जलने के लिए कहती थी मीठी प्रेममयी ख़ुशी के साथ कापते थे उत्साह और प्रसन्नता से अपने अस्तित्व को मिटाकर ज्ञान रुपी अधकार को दूर करके आलोक फेलाने के लिए हर बार अलग अलग तरह से जलने को कहते थे I
9. 1. बादल स्वभाव से परोपकारी होते थे बादलो में जल भरा रहता था और वे वर्षा करके संसार को हराभरा बनाते थे बिजली की चमक से संसार को आलोकित करते थे I
2. स्नेहहीन दीपक से तात्पर्य प्रभु भक्ति से थी उसमे कोई भाव नही होता था वह यत्रवत होकर अपना कर्तव्य निभाता था I
3. कवयित्री दीपक को उत्साह से तथा प्रसंन्नता से जलने के लिए कहते थे क्योकि वे अपने आस्था रुपी दीपक की लो से सभी के मन में आस्था जगाना चाहती थी I
1. महादेवी अपने अराध्य कोb निर्गुण मानती थी और मीरा उनकी सगुण उपासक थी महादेवी वर्मा ने ईश्वर को ब्रह्म माना था वे प्रियतम मानती थी I
2. मीराबाई श्री कृष्ण को आराध्य प्रियतम मानती थी और उनकी सेविका बनकर रहना चाहती थी उनके स्वरूप और सोंदर्य की रचना भी की थी I
3. मीराबाई ने सहज एव सरल भावो को जनभाषा के माध्यम से प्रस्तु किया था जबकि महादेवी ने विभिन्न प्रकार के बिंबो का प्रयोग किया था I
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