इन पक्तियों के द्वारा कवि ने शहरीय स्वार्थपूण रिश्तो पर प्रहार किया था कवि के अनुसार नगर के लोग आपसी प्रेमभाव के स्थान पर पेसो को अधिक महत्त्व देते थे I
काले माथे और सफेद पंखो वाली चिड़िया यहाँ पर दोहरे व्यक्तित्व का प्रतीक हो सकता था ऐसे लोग एक और तो समाज के हितचितक बने फिरते थे I
यहाँ सरसों के सयानी से कवि यह कहना चाहता था कि सरसों की फसल अब पूरी तरह तैयार हो चूकी थी I
कवि ने अलसी को एक सुंदर नायिका के रूप में चित्रित किया था उसका शरीर पतला और कमर लचीली थी वह अपने सिर पर नीले फूल लगाकर यह सन्देश दे रही थी कि प्रथम स्पर्श करने वाले को ह्र्दय से अपना स्वामी मान लेगी I
कवि ने अलसी के लिए हठीली विशेषण का प्रयोग इसलिय किया था क्योकि उसने हठ कर रखा
था कि वह अपना दिल उसे ही देगी जो उसके सिर पर रखे नीले फूल को छु लेता था I
जलाशय के स्वच्छ पानी में दिन के समय सूर्य की किरणे पडती थी वे गोल प्र लम्ब्वत चमक पैदा करते थी जिसे देखकर ऐसा लगता था जेसे जल में कोई गोल और लम्बा चाँदी का चमचमाता खभा पडा हुआ था I
कवि ने यहाँ चने के पोधो का मानवीकरण किया था उसके चने का पोधा बहुत छोटा सा था I उसके सिर पर फूला हुआ गुलाबी रंग का फूल ऐसा प्रतीत हो रहा था I
1. यह हरा ठिगना चना बाधे मुरेठा शीश पर छोटे गुलाबी फूल का सज कर खड़ा था I - यहाँ हरे चने के पोधे का छोटे कद के मनुष्य जो कि गुलाबी रंग की पगंडी बाधे खड़ा था I
2. पास ही मिल कर उगी है बिचमे अलसी हठीली I देह की पतली कमर की है लचीली, नील फूले फूल को सिर पर चढ़ाकर कह रही थी जो छुए यह दू ह्रदय का दान उसको I
- यहाँ अलसी के पोधे को हठीली तथा रमणीय स्त्री के रूप में प्रस्तुत किया था I
3. और सरसों की न पूछो हो गई सबसे सयानी हाथ पीले कर लिए थे ब्याह मंडप में पधारी I
- यहाँ सरसों के पोधे को एक नायिका के रूप में प्रस्तुत किया गया था जिसका व्याह होने वाला था I
4. है कई पत्थर किनारे पी
रचुपचाप पानी
- यहाँ पत्थर जेसे निर्जीव वस्तु को
भी मानवीकरण के द्वारा जीवित
प्राणी के रूप में प्रस्तुत किया गया
था I
चित्रकूट की अनगढ़ चोडी कम ऊँची ऊँची पहाडिया दूर दिशाओं तक फेली थी बाँझ भूमि पर इधर उधर रीवा के पेड़ काटेदार कुरूप खड़े थे सुन पड़ता है मीठा मीठा रस टपकाता सुग्गे का स्वर
टे टे टे टे;
एक वस्तु की बात करते हुए दूसरे वस्तु के बारे में बताने के लिए हम इस शेली का प्रयोग करते थे इस प्रकार की शेली का प्रयोग वस्तु की विशेषताओं पर ध्यान केन्द्रित करते थे I