दो बैलों की कथा - Do Bailon Ki Katha Question Answers: NCERT Class 9 Hindi - Kshitij

Exercise 1
Q:
A:

काजीहोस में केंद्र पशुओ की हाजिरी ली जाती थी ताकि केंद्र पशुओ की सख्या का पता चल सका था और पता लगाया जा सकता था की उनमे से कोई भाग या मर तो नही गया था I


Q:
A:

(ग) . वह हीरा मोती के व्यवहार से बहुत दुखी था I


Q:
A:

छोटी बच्ची की माँ मर चुकी है वह माँ के बिछुड़ने का दर्द जानती है इसलिए जब उसने हीरा मोती की व्यथा देखी थी तो उसके मन में उनके प्रति उमंड आया था I


Q:
A:

1. विपति के समय हमेशा मित्र की सहायता करनी थी I
2. आजादी के लिए हमेशा सजग एव सघर्षशील रहना चाहिए था I
3. अपने समुदाय के लिए अपने हितो का त्याग करने के लिए तैयार रहना था I


Q:
A:

प्रेमचन्द ने गधे की सहनशीलता , सीधेपन , क्रोध न करने , हानि लाभ सुख दुःख सामान रहने आदि गुणों के आधार पर उसे बेवकूफ के स्थान पर संत स्वभाव का प्राणी करार दिया था I


Q:
A:

- दोनों एक दूसरे को चाटकर और सूघकर अपना प्रेम प्रकट करते है I
- नाद में खली भूसा पड जाने के बाद दोनों साथ ही नांद में मुह डालते और साथ ही बैठते है I
- जब ये दोनों बेल हल या गाडी मे जोत दिए जाते थे दोनों ज्यादा से ज्यादा बोझ स्वय झेलक दूसरे     को कम बोझ देने की चेष्टा करते थे I


Q:
A:

हीरा के इस कथन से यह ज्ञात होता था कि समाज में स्त्रियों के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है उन्हें शारीरिक यातनाए दी जाती है इसलिए समाज में ये नियम बनाए जाते है कि उन्हें पुरुष समाज शारीरिक दंड न देता था I


Q:
A:

प्रेमचन्द ने किसान जीवन में मनुष्य तथा पशु के भावनात्मक सम्बन्धो को हीरा और मोती दोनों
झूरी नामक एक किसान के बैल थे जो अपने बेलो से अत्यत प्रेम करता था I


Q:
A:

 - वह आशावादी थे क्योकि उसे अभी भी यह विशवास था कि इस केद से मुक्त हो सकता था I

- वह स्वार्थी नही था स्वय भागने के बाजार उसने अन्य सभी जानवरों को सबसे पहले भागने का         मोका देता था I


Q:
A:

(क) हीरा और मोती बिना कोई वचन कहे एक दूसरे के मन की बात समझ जाते है प्राय वे एक दूसरे से स्नेह की बाते सोचते है I


(ख) हीरा और मोती गया के घर बधे हुए है गया ने उनके साथ अपमान पूण व्यवहार करते है परन्तु तभी एक नन्ही लडकी ने आकर उन्हें एक रोटी दी थी I