1. प्रेमचन्द गाँधी जी की तरह सादा जीवन जीते है I
2. प्रेमचन्द के विचार बहुत ही उच्च है वे सामाजिक बुराइयों से दूर थे I
3. प्रेमचन्द एक स्वाभिमानी व्यक्ति है I
(ख) लोग तो इत्र चुपड़कर फोटो खिचाते थे जिससे फोटो में खुशबू आ जाए I
(क) यहा पर जूते का आशय समृधि से थी तथा टोपी मान मर्यादा तथा इज्जत का प्रतीक था वेसे तो इज्जत का महत्त्व सम्पति से अधिक था I
(ख) यहाँ परदे का सम्बन्ध इज्जत से था जहां कुछ लोग इज्जत को अपना स्वेर्सव मानते थे तथा उस पर अपना सब कुछ न्योछावर करने को तैयार रखते थे I
(ग) प्रेमचन्द गलत वस्तु या व्यक्ति को इस तालक नही समझते है I
लोग प्राय: ऐसा करते थे कि देनिक जीवन में साधारण कपड़ो का प्रयोग करते थे और विशेष अवसरों पर अच्छे कपड़ो का लेखक ने पहले सोचा प्रेमचन्द ख़ास मोके पर इतने साधारण थे I
लेखक एक स्पष्ट वक्ता था यहाँ बात को व्यग के माध्यम से प्रस्तुत किया गया था प्रेमचन्द के
व्यक्तित्व की विशेषताओ को व्यक्त करने के लिए जिन उदहारण का प्रयोग किया जाता था I
टीला रस्ते की रुकावट का प्रतीक था इस पाठ में टीला शब्द सामाजिक कुरीतियों अन्याय तथा भेद्भाव को दर्शाता था I
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आज की दिखावे के प्रति जयादा जागरूक थे अगर समाज में अपनी शान बनाए रखनी थी तों महंगे से महंगे कपड़े पहनना आवश्यक हो जाता था I