साखियाँ एवं सबद - Saakhiyaan Evan Sabad Question Answers: NCERT Class 9 Hindi - Kshitij

Exercise 1
Q:
A:

मानसरोवर से कवि का अभिप्राय ह्रदय रुपी तालाब से था जो हमारे मन में था I


Q:
A:

सब स्वासो की स्वास में से कवि का तात्पर्य यह था कि ईश्वर कण कण में व्याप्त था सभी मनुष्यों के अदर थे जब तक मनुष्य की साँस थी तब तक ईश्वर आत्मा में था I


Q:
A:

कबीर ने ज्ञान के आगमन की तुलना सामन्य हवा से न कर आधी से की थी क्योकि सामान्य हवा
में परिवर्तन की श्रमता नही होती थी आधी में वो श्रमता होती है कि सब कुछ उड़ा सकता है I


Q:
A:

ज्ञान की आधी का मनुष्य के जीवन पर यह प्रभाव पड़ता था कि उसके सारी शकाए और अज्ञानता का नाश हो जाता था वह मोह के सासारिक बधनो से मुक्त हो जाता था I


Q:
A:

(क) यहाँ ज्ञान की आधी के कारण मनुष्य के मन पड़े प्रभाव के फलस्वरूप मनुष्य के रुपी दोनों खभे
लूट गए तथा बल्ली भी गिर गई थी I


(ख) ज्ञान रुपी आधी की भक्ति रुपी जल की वर्षा हुई थी जिसके प्रेम में हरी के सब भक्त भीग गए थे I


Q:
A:

कबीर ने अपने विचारो द्वारा जन मानस की आँखों पर धर्म तथा सप्रदाय के नाम पर पड़े परदे को
खोलने का प्रयास किया था उन्होंने हिंदू मुस्लिम एकता का समर्थन किया था धार्मिक कुप्रथाओ जेसे मूर्तिपूजा का विरोध किया जाता है I


Q:
A:

कवि के अनुसार सच्चे प्रेमी की कसोटी यह थी की उससे मिलने पर मन की सारी मलिनता नष्ठ हो जाती थी पाप धुल जाते थे I


Q:
A:

कवि के अनुसार सच्चे प्रेमी की कसोटी यह थी की उससे मिलने पर मन की सारी मलिनता नष्ठ हो जाती थी पाप धुल जाते थे I


Q:
A:

इस ससार में सच्चा संत वह था जो साम्प्रदायिक भेद भाव तर्क वितर्क और वेर विरोध के झगड़े में न पड़कर निश्छल भाव से प्रभु की भ्क्तिन्मे लीन रहता था I


Q:
A:

(क) अपने अपने मत को श्रेष्ठ मानने की और दूसरे के धर्म की निदा करने की सकिनर्ताओं और दुसरे के धर्म की निदा करने के लिए किया जाता है I


(ख) . ऊचें कुल के अहकार में जीने की सकिनर्ताओ I


Q:
A:

किसी भी व्यक्ति की पहचान उसके कर्मो से होती थी आज तक हजारो राजा पैदा हुए और मर गए थे परन्तु लोग जिन्हें जानते थे वे है राम कृष्ण , बुद्ध, महावीर आदि है इसलिए जाना गया ये केवल कुल से ऊचें नही थे इन्होने ऊचें कर्म किये थे I


Q:
A:

प्रस्तुत दोहे में कबीरदास जी ने ज्ञान को हाथी की उपमा तथा लोगो की प्रतिकिया को स्वान का भोकना कहा था यहा रूपक अलकार का प्रयोग किया गया था दोहा छद का प्रयोग किया जाता था I


Q:
A:

मनुष्य ईश्वर को देवालय मंदिर , काबा तथा कैलाश में ढूढता फिरता था I


Q:
A:

कबीर ने ईश्वर प्राप्ति के प्रचलित विश्वासों का खडन किया था उनके अनुसार ईश्वर न मंदिर में था न मस्जिद में न काबा में था न कैलाश आदि तीर्थ यात्रा में व न कर्म करने में मिलता था I