वाख - Vaakh Question Answers: NCERT Class 9 Hindi - Kshitij

Exercise 1
Q:
A:

रस्सी यहाँ पर मानव के शरीर के लिए प्रयुक्त हुई थी और यह रस्सी कच्ची तथा नाशवान था I


Q:
A:

कवियित्री के कच्चेपन के कारण उसके मुक्ति के सारे प्रयास विफल हो रहे थे जिसकी वजह से उसके प्रभु से मिलने के सारे प्रयास व्यर्थ थे I


Q:
A:

कवियित्री का घर जाने की चाह से तात्पर्य था प्रभु से मिलना कवियित्री इस भवसागर को पार करके अपने परमात्मा की शरण में जाना चाहते थे I


Q:
A:

(क) कवियित्री कहती थी कि इस संसार में आकर वह सासारिकता में उलझकर रह गयी और अंत समय आया और जेब टटोली तो कुछ भी हासिल न हुआ अब उसे चिंता सता रही थी I
(ख) प्रस्तुत पंक्तियों में कवयित्री मनुष्य को ईश्वर प्राप्ति के लिए मध्यम मार्ग अपनाने को कह रहे थे कवयित्री कहती थी कि मनुष्य को भोग विलास में पड़कर कुछ भी प्राप्त होने वाला नही था I


Q:
A:

कवियित्री के अनुसार ईश्वर को अपने अन्त: करण में खोजना था जिस दिन मनुष्य के ह्र्दय भक्ति जाग्रत हो गया अज्ञनता के सारे अधकार स्वय ही समाप्त हो जाते थे जो दिमाग इन सासारिक भोगो को भोगने का आदि हो जाता था I


Q:
A:

आई सीधी रह से , गई न सीधी राह I
सुषम – सेतु पर खड़ी थी , बीत गया दिन आह I
जेब टोटली, कोडी न पाई I
माझी को दू क्या उतराई I


Q:
A:

यहा कवियित्री ने ज्ञानी से अभिप्राय उस ज्ञान को लिया था जो आत्मा व परमात्मा के सम्बन्ध को जान सकते ना कि उस ज्ञान से जो हम शिक्षा द्वारा अर्जित करते थे कवियित्री के अनुसार भगवान कण कण में व्याप्त थे I