Complete NCERT Solutions Guide
Access step-by-step solutions for all NCERT textbook questions
==================>>>1==================>>>2==================>>>3==================>>>4
Welcome to the Chapter 11 - Bhaktin, Class 12 Hindi - Aroh NCERT Solutions page. Here, we provide detailed question answers for Chapter 11 - Bhaktin. The page is designed to help students gain a thorough understanding of the concepts related to natural resources, their classification, and sustainable development.
Our solutions explain each answer in a simple and comprehensive way, making it easier for students to grasp key topics Bhaktin and excel in their exams. By going through these Bhaktin question answers, you can strengthen your foundation and improve your performance in Class 12 Hindi - Aroh. Whether you’re revising or preparing for tests, this chapter-wise guide will serve as an invaluable resource.
भक्तिन का वास्तविक नाम लक्ष्मी था हिन्दुओ के अनुसार लक्ष्मी धन की देवी है प्राय नाम व्यक्तिव का परिचारक रहेता है किन्तु भक्तिन गरीब थी उसका पूरा जीवन ससुराल वालो कि सेवा करने और पति की म्रत्यु के बाद सघर्ष करते हुए व्यतीत हुआ इसप्रकार उसके नाम का वास्तविक अर्थ ओर उसके जीवन का यथार्थ दोनों परस्पर भिन्न थे इसलिए निर्धन भक्तिन सबको अपना असली नाम लक्ष्मी बताकर उपहास का पात्र नहीं बनाना चाहती थी I
इसी प्रकार का एक शब्द है
ननद + दोई = ननदोई
क. यह कोंन बड़ी बात है रोटी बनाना जानती हू I दाल बना लेती हू I दाल बना लेती हू साग – भाजी छोक सकती हू और शेष क्या रहा I
ख़. हमारी मालकिन तो रात दिन पुस्तकों में ही व्यस्त रहती है आब यदि में भी पढने लगूं तों घर परिवार के कार्य कोन करेगा I
ग. वह बेचारी तो रात दिन काम में लगी रहती है और तुम लोग घूमते – फिरते हो जाओ , थोड़ी उनकी सहायता करो I
घ. तब वह कुछ करता धरता नहीं होगा बस गली गली में गाता बजाता फिरता है I
ड. तुम लोगो को क्या बताऊ पचास वर्ष से साथ में रहती हू I
च. में कुतिया – बिल्ही नही हू I मेरा मन करेगा तो में दूसरे के घर जाउगी अन्यथा तुम लोगो की छाती पर ही होला भुनुगी राज करुगी यह समझ लेना I
1. इस वाक्य में कंप्यूटर की तकनीकी भाषा का प्रयोग हुआ है यहाँ वायरस का अर्थ दोष सिस्टम का अर्थ है व्यवस्था हैंग का अर्थ है ठहराव I
2. इस वाक्य में खेल से सबधित शब्दवली का प्रयोग हुआ है यह इनस्वीगर का अर्थ है गहरई से
भेदने वाली कार्यवाई फाउल का अर्थ गलत काम रेड कार्ड का अर्थ है बाहर जाने का सकेत पवेलियन का अर्थ वापिस भेजना I इस वाक्य का अर्थ है – घबरा मत I
3. इस वाक्य में मुंबई की भाषा का प्रयोग है जानी शब्द का अर्थ है कोई भी व्यक्ति टेंसन लेना का अर्थ है परवाह करना स्कूल में पढ़ना का अर्थ है काम करना तथा हैंडमास्टर होना का अर्थ है – कार्य में सफल होना I
हां हम इस बात से पूरी सहमत है क्योकि भक्तिन के पुत्र न होने पर उसे उपेक्षा अपने ही घर की ओरत अर्थात सास और जिठानियो से मिली सास और जिठानिया चोकी पर बेठ कर आराम फरमाती थी क्योकि उन्होंने लडको को जन्म दिया था भले ही व किसी लायक नहीं थे और भक्तिन
तथा उसकी नन्ही बेटियों को घर और खेतो का सारा काम करना पड़ता था I
भक्तिन की बेटी के सन्दर्भ में पचायत द्वारा किया गया न्याय तर्कहीन और अंधे कानून पर आधारित है भक्तिन के जेठ के बेटे ने सपति के लालच में उसकी विधवा लड़की को धोखे से जाल में पचायत ने निर्दोष लड़की की कोई बात नहीं सुनी और एक तरफ़ा फेसला देकर उसका विवाह जबरदस्ती उसके निकम्मे तीतरबाज़ साले से कर दिया इसी वजह से भक्तिन को घर छोडना पड़ा था
1. वह घर में इधर उधर पड़े रूपये पेसे भडार घर की मटकी में छुपा देती है और अपने इस कार्य को चोरी नहीं मानती है I
2. वह दूसरो को अपनी इच्छानुसार बदल देना चाहती थी पर स्वय बिलकुल नहीं बदलना चाहती थी I
3. महादेवी के क्रोध से बचने के लिए भक्तिन बात को इधर उधर करके बताने को झूठ नही मानती थी अपनी बात को सही सिद्ध करने के लिए तर्क – वितर्क भी करती थी I
लेखिका को भक्तिन का सिर मुडवना पसंद नहीं था लेखिका उससे ऐसा करने के लिए हमेशा मना करती रहती थी परन्तु भक्तिन केश मुड़ाने से मना किए जाने पर शास्त्रों का हवाला देते हुए कहती थी तीरथ गए मुडाये सिद्ध यह बात किस शास्त्र में लिखी है इसका भक्तिन का कोई ज्ञान नहीं था I जबकि लेखिका को पता था कि यह उक्ति शास्त्र की न होकर किसी व्यक्ति ने कही है I
महादेवी , भक्तिन को नहीं बदल पायी पर भक्तिन ने महादेवी को बदल दिया था भक्तिन देहाती महिला है और शहर में आने के बाद भी उसने अपने आप में कोई परिवर्तन नही आने देती भक्तिन देहाती खाना गाढ़ी दल मोती रोटी मकई की लपसी ज्वार के भुने हुए आदि बनाती थी और वही खाना महादेवी को खाना पडता था I
आलो आधारि की नायिका और भक्तिन के व्यक्तिव में यह समानता है कि दोनों ही घरेलू नोकरानिया है दोनों को ही परिवार से उपेक्षा मिली और दोनों ने ही अपने आत्म सम्मान को बचाते हुए अपने जीवन का निर्वाह करा था I
आज भी हमारे समाज में विवाह के पचायत का रुख बड़ा ही कूर और रुढीवादी है आज भी विवाह सबधी निर्णय पचायत में लेते है पचायत अपनी रूदिवादी विचारधारओ से प्रभावित होकर कभी कभी अमावनीय फेसले दे रही है I
1. भक्तिन ने पहली कन्या के बाद डो अन्य कन्याओं को जन्म दिया जो रूप – रंग में बिल्कुल उसकी पहली पुत्री की तरह है I
2. टकसाल सिक्के डालने वाली मशीन को कहते है भारतीय समाज में लड़के को खरा सिक्का और लड़की को खोटा सिक्का कहा जाता है समाज में लडकियों को कोई महत्व नहीं होता है I
3. भक्तिन अपने पिता के देहात के कई दिनों बाद पहुची थी जब वह मायके की सीमा पर पहुची तो लोग कानाफूसी कर रहे है कि बेचारी आब आई है आमतोर पर शोक की खबर प्रत्यक्ष तोर पर नहीं दी जाती I
Join thousands of students who have improved their academic performance with our comprehensive study resources.