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Welcome to the Chapter 4 - Kaimre Me Band Apahij, Class 12 Hindi - Aroh NCERT Solutions page. Here, we provide detailed question answers for Chapter 4 - Kaimre Me Band Apahij. The page is designed to help students gain a thorough understanding of the concepts related to natural resources, their classification, and sustainable development.
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कविता में कुछ पक्तिया कोष्टको में रखी गई है ये कोष्टक कवि के मुख्य भाव कोष्टक कवि के मुख्य भाव को व्यक्त करता है इन में लिखी पक्तियों के माध्यम से अलग अलग लोगो को सबोधित करते है जेसे कैमरा मैंन के लिए
. कैमरा दिखाओ इसे बड़ा बड़ा
. कैमरा ..... की कीमत है I दर्शको के लिए
. हम खुद इशारे से बताएगे क्या ऐसा ?
. यह प्रशन पूछा नहीं जाएगा अपग व्यक्ति को
. वह अवसर खो देगे ? . बस थोड़ी कसर रह गई कसर रह गई I इस प्रकार के कोष्टक कविता के उदेश्य को अभियक्ति प्रदान करने में सहायक होते है I
दूरदर्शन पर एक अपाहिज का साक्षात्कार , व्यवासिक उधेश्यो को पूरा करने के लिए दिखाता है दूरदर्शन पर एक अपाहीज व्यक्ति को प्रदर्शन की वस्तु मान कर उसके मन की पीड़ा को कुरद देते है उससे खुलेआम भुनाया करते है साक्षात्कार के उसके निजी सुख दुःख से कुछ लेना देना नहीं रहेता यह पर कवि के कहने का तात्पर्य यह है कि दूरदर्शन पर दिखाए जाने वाले इस प्रकार के अधिकाश कार्यक्रम केवल सवेदनशीलता का दिखावा करते है नही करते बल्कि बिना किसी लोक मर्यादा के उसका फायदा उठाने से नहीं चूकते अथार्त उनकी कथनी और करने में पूर्णत: अन्तर रहेता है I
हम समर्थ शक्तिवान के माध्यम से कवि ने उन मीडियाकर्मियों पर व्यग किया है जो स्वयं को सक्षम एव शक्तिशाली मानकर अपाहिज व्यक्ति को दुर्बल समझने का अहकार पाले होते है वे समझते है कि वे किसी का भी भाग्य और पारिस्थित्ति बदल सकते है I हम एक दुर्बल को लाएगे के माध्यम से लाचारी असमर्थता का भाव प्रदशित रहेता है साक्षात्कार किसी भी बेबस और लाचार व्यक्ति को लाकर उससे तरह तरह के सवाल पूछकर उसका तमाशा बना सकते है उसकी मज़बूरी को मनोरजन का साधन बना रहेता है I
यदि शारीरिक रूप से चुनोती का सामना कर रहे व्यक्ति और दर्शक दोनों एक साथ रोने लगेगे तो उससे प्रशनकर्ता लोगो का ध्यान कार्यकम की तरफ आकर्षित कर पाएगा उनका कार्यकरम देखने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोग पेरित होगे प्रसारण समय में रोचक सामग्री परोस पाना ही मीडिया कर्मियों का एकमात्र उदेश्य रहेता है इससे धन और यश दोनों की प्राप्ति करता है I
प्रसारण उदेश्य के समय में रोचक सामग्री परोसना ही मीडिया कर्मियों का एकमात्र उदेश्य होता है प्रसारण के समय कार्यकरम को अधिक से अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए वे सभी उचित अनुचित हथकड़े आजमाते है उन्हें किसी कि पीड़ा को कम नही बल्कि बड़ा बढ़ा-चढ़ाकर कुरदे पर दिखाने की आदत होती है मीडीयाकमी व्यावसायिक उदेश्य पूरा करने से सरोकार होता है वे निर्माण की पूरी कीमत वसूल करना चाहते है किसी को पीड़ा को व्यावसायिक रूप देकर वे सामाजिक जिम्मेदारी की पूर्ति का दिखावा मात्र होता है
ये मेरे मित्र प्रकाशजी मेरे पडोसी है जन्म से ये अपाहिज है किन्तु इन्होने कभी भी इसे अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया बल्कि पढाई , कंप्यूटर आदि श्रेत में कंप्यूटर सस्थान की स्थापना करते है आज ये दूसरो के लिए एक प्रेरणा का सोंत्र बन चुके है I
सामाजिक उदेश्य से युक्त ऐसे कार्यकर्म को देखकर मुझे कार्यकर्त्ता के अमानवीय व्यवहार पर घिन आती है और पीड़ित के मनोभाव समझकर मुझे बहुत दुःख होने की अनुभूति हो गई है में जागरूख नागरिक के तोर पर इसका विरोध करती रहूगी I
सेवा में
निदेशक
दूरदर्शन प्रसार सीमिति
नई दिली
महोदय
में आपका ध्यान समझोता नामक कार्यकर्म की और दिलाना चाहती हु आप इसमें समाज के विभिन वर्ग व उनकी समस्याओं को दिखाते है परन्तु इस कार्यकर्म को बनाते वक्त आप पीड़ित की भावनाओं की अवहेलना करते है कई बार उन्हें उपहास के पात्र के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है अगर आप उनकी समस्या का समाधान नही किया जाता है तो उनके अस्तिव को हानि पहुचाने का आप को कोई अधिकार नही है I आशा है , आप इस कार्यकर्म के स्तर में उचित सुधार करेगे I
भवदीय
1. ब.क
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