कविता में सबसे छोटे होने की कल्पना इसलिए की गई थी क्योकि घर के सबसे छोटे सदस्य को सभी लोगो का प्यार और दुलार अधिक मिलता था और खासकर माँ के साथ तो उसका जुड़ाव कुछ ज्यादा ही होता था I
अपने माँ के स्नेह को हमेशा पाने के लिए , हमेशा उसके ममता के आँचल के साए में रहने के लिए कविता में ऐसी बड़ी न होऊ में कहा गया था I
कविता में माँ के आँचल की छाया में छिपे रहने की बात कही गई थी क्योकि माँ अपने बच्चो से सबसे अधिक प्यार करती थी उसके आँचल में बच्चा हमेशा अपने को निर्भय और सुरक्षित महसूस करता था I
इन पक्तियों का आशय है कि बड़े होने पर बचपन की तरह माँ हमारे साथ नही चलती थी उनसे हमारा रिश्ता छूट जाता था I
कविता के अनुसार माँ बच्चो को गोद में सुलाती थी अपने आँचल के साये में रखती है हाथ पकड़कर चलना सिखाती थी सजाती है तथा परियो की कहानियाँ सुनाने आदि का काम करती थी I बच्चो को भी अपनी माँ की बातो को मानना चाहिए उन्हें परेशान नही करना चाहिए और उन्हे दुःख नही पहुचाना चाहिये था I
इस कविता में बालिका सबसे छोटी बनी रहना इसलिए चाहती थी ताकि उसे हमेशा अपनी माँ का प्यार मिलता रहे वो सदा अपनी माँ के आँचल में निर्भय और सुरक्षित रहते थे I