लेखक ने संसार के अक्षर चटानो के टुकड़े , वृक्षों , पहाड़ो, नदियों , समुद्र , जानवरों की हड्डिया आदि को कहा था I
लाखो करोड़ो वर्ष पहले हमारी धरती बहुत गर्म है और उस पर कोई जानदार चीज नही रह सकती है इसी कारण उस समय धरती पर मनुष्यों का अस्तित्व नही है धीरे धीरे उसमे परिवर्तन होते गए और धरती में जानवरों और पोधे का जन्म हुआ था I
दुनिया का पुराना हाल चटानो के टुकड़े , वृक्षों , पहाडो, सितारे , नदियाँ , समुद्र , जानवरों की हड्डियो आदि चीजो से जाना जाता था I
गोल चमकीला रोड़ा अपनी कहानी बताते हुए कहता था कि वह कभी एक चटान का हिस्सा है एक दिन पहाडो से बहते हुए पानी से उसे बहाकर घाटी में भेज दिया था वहा से आगे एक पहाड़ी नाले न्र उसे आगे धकेलकर दरिया में पहुचा दिया था I
गोल चमकीले रोड़े यदि दरिया और आगे ले जाता तो वह छोटा होते होते अंत में बालू का किनारा बन जाता था जिसपर छोटे छोटे बच्चे खेलते और बालू के घरोदे बनाते थे I
नेहरूजी ने दुनिया केसे शुरू हुई के बारे में बताया था कि धरती लाखो करोड़ो वर्ष पुरानी थी और बहुत दिनों तक इसमें कोई आदमी न है आदमियों के पहले सिर्फ जानवर है और जानवरों से पहले एक ऐसा समय है जब यह धरती बेहद गर्म है और इस पर कोई जानदार चीज़ नही रह सकती है I
हमारे यहाँ तो यह कहानी प्रचलित थी की दुनिया और स्रष्टि के रचयिता ईश्वर है I
मसूरी उतराखंड और इलाहाबाद उत्तर प्रदेश प्रान्तों के शहर थे I
उस युग में पत्थरों का उपयोग जानवरों को डराने के लिए उनका शिकार करने के लिए आत्म रक्षा के लिए हथियार , खरती के ओजार , मकान बनाने आदि के लिए होता है I