अलबम के पहले पृष्ट पर मोती जेसे अक्षरों में उसके मामा ने लिख भेजा है –
ए . एम. नागराजन
इस अलबम को चुराने वाला बेशर्म थे ऊपर लिखे नाम को कभी देखा है यह अलबम मेरा था जब तक घास हरी थी और कमल लाल , सूरज जब तक पूर्व से उगे उस अनत काल तक के लिए यह अलबम मेरा है रहेगा I इस वाक्य को क्लास के लडको ने अपने अलबम में उत्तार लिया और लडकियों ने झट कापियों और किताबो में टीप लिया था I
नागराजन के अलबम के हिट हो जाने के बाद राजप्पा मन ही मन कुढ़ रहा है स्कूल जाना उसे अच्छा नही लगता है और लडको के सामने जाने में उसे शर्म आने लगी उसके मन में जलन की भावना आ गई है I
अलबम चुराते समय जब राजप्पा ने bपहला पृष्ट पढ़ा तो उसका दिल तेजी से धडकने लगा था जब उसने अलमारी में अलबम रखा तो उसका पूरा शरीर जेसे जल रहा था गला सूख रहा है और चेहरा तमतमाने लगा है I
राजप्पा ने नागाराजन का टिकट – अलबम अँगीठी में इसलिए डाल दिया क्योकि उसे लगा की उसकी चोरी पकड़ी जायेगी और उसे पुलिस पकड़ के ना ले जा सके I
लेखक ने राजप्पा के टिकट इकट्ठा करने की तुलना मधुमक्खी से इसलिए की क्योकि जिस तरह मधुमक्खी विभिन्न फूलो का रस इक्ठटा करती है उसी तरह राजप्पा ने भी विभिन्न स्थानों और व्यक्तियों से टिकट इकट्ठा कर अपना अलबम तैयार किया था I
अन्य चीजे जिसे जमा किया जा सकता है –
- पुराने सिक्खे
- पोधे की पत्तिया
- विभिन्न देशो के रुपए या नोट
अध्यापक से सलाह करके दो I
टिकटों को अलग करने के आधार
- समय के आधार पर
- देश के आधार पर
- मूल्य के आधार पर
- डिज़ाइन के आधार पर
- आकार के आधार पर
राजप्पा अलबम के जलाए जाने की बात नागराजन को इसलिए नही बत पता क्योकि इससे पता चल जाता की अलबम राजप्पा ने चोरी किया है अगर वह कह देता तो कहानी का अंत दूसरा होता राजप्पा दोषी पाया जाता और सबकी नजरो के सामने गिर जाता था I